कुछ वर्षों पहले तक गूगल अपने G Suite के अंतर्गत 50 ईमेल बनाने की सुविधा मुफ्त देता था. फिर यह सुविधा घट कर 10 हुई और अब तो गूगल ने G Suite का निशुल्क प्रयोग बंद ही कर दिया है. अब 14 दिन के ट्रायल के बाद अपने कस्टम डोमेन के लिए जीमेल का प्रयोग करने के लिए आपको लगभग 150 रूपये प्रति प्रयोक्ता प्रतिमास देने पड़ते हैं. वैसे तो जीमेल के साथ जुडी सुविधाओं और उसके यूजर फ्रेंडली इंटरफेस को देखते हुए यह रकम कुछ ज्यादा नहीं है, लेकिन अगर आप शौकिया ब्लॉगर हैं और यह रकम खर्च नहीं करना चाहते, तो आपके पास कुछ मुफ्त के विकल्प उपलब्ध हैं- 1) आपके होस्टिंग सर्वर द्वारा उपलब्ध कराया गया वेब मेल – आमतौर पर सभी होस्टिंग सर्वर अपने डोमेन होस्टिंग प्लान के साथ मुफ्त ईमेल का विकल्प उपलब्ध कराते हैं. आप इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन अधिकांश वेब मेल का इंटरफ़ेस इतना जटिल है कि उनके माध्यम से मेल भेजना, चेक करना और व्यवस्थित करना काफी कठिन है.
2) Zoho – zoho अपने मुफ्त प्लान में एक डोमेन के साथ 5 ईमेल की सुविधा देता है. इसका इंटरफेस वेबमेल्स की अपेक्षा सरल है, लेकिन यदि आप जीमेल के आदि हैं तो zoho से आपको निराशा हो सकती है. फिर भी मुफ्त मिलने के लिहाज से यह विकल्प बुरा नहीं है.
अगर मुफ्त के इन दो विकल्पों से आप संतुष्ट नहीं हैं तो आज हम आपको एक ऐसा वर्क अराउंड या यूं कहें कि जुगाड़ बताते हैं, जिससे आप अपने कस्टम डोमेन ईमेल के लिए जीमेल का प्रयोग कर सकते हैं, वो भी बिलकुल मुफ्त. इससे न सिर्फ आप कई अकाउंट में लॉग इन करने की ज़हमत से बचेंगे, बल्कि जीमेल के सारे फीचर्स का उपयोग करते हुए अपने कस्टम डोमेन के नाम से मेल प्राप्त भी कर सकते हैं और भेज भी सकते हैं.
आइये, देखते हैं कैसे …. 1. जीमेल पर एक नया अकाउंट क्रियेट करें. हालाँकि आप अपनी पुरानी जीमेल आईडी का प्रयोग भी कर सकते हैं, लेकिन मेरा सुझाव है कि अपने ब्लॉग या साईट के नाम से जीमेल पर नयी आईडी बनाएँ. आप Yourname.yourdomain(डॉट के पहले वाला हिस्सा)@gmail.com जैसी कोई आईडी बना सकते हैं. जैसे मैंने rajiv.sahajtakneek@gmail.com बनाया. अब अपने नए जीमेल अकाउंट में लॉग इन करने के बाद यहाँ क्लिक करें. यहाँ Allow less secure apps को ऑन करके जीमेल में इनके उपयोग की अनुमति दें.
अपने होस्टिंग सर्वर के cpanel पर जाकर अपने डोमेन के नाम से ईमेल आईडी क्रियेट करें. उदाहरण के लिए मैंने contact@sahajtakneek.com क्रियेट किया.
अब होस्टिंग सर्वर पर बनायी गयी ईमेल आईडी को अपने जीमेल की आईडी पर फॉरवर्ड करें. होस्टिंग सर्वर के पैनल में ही ईमेल फॉरवर्ड की सुविधा होती है. उदाहरण के लिए नीचे siteground के cpanel का स्क्रीनशॉट देखें.
siteground के cpanel का स्क्रीनशॉट
अब वापस अपने जीमेल अकाउंट में आयें. अपने मेलबॉक्स के दाएँ तरफ ऊपरी कोने में मौजूद गियर आइकन पर क्लिक करें. (देखें चित्र)
गियर आइकन क्लिक करने पर खुले पॉप अप विंडो में settings पर क्लिक करें. (देखें चित्र) अब settings में Accounts and import पर क्लिक करें.
6. अब send mail as के सामने Add another email address पर क्लिक करें. 7. Name के सामने अपने ब्लॉग या साईट का नाम डालें. Mail के स्थान पर चरण 2 में बनाया गया अपना कस्टम डोमेन डालें. Treat as alias को चेक रहने दें.
8. गूगल आपके कस्टम डोमेन को वेरीफाई करने के लिए एक कोड भेजेगा, जो अब फॉरवर्ड होने के कारण आपके जीमेल पर भी आएगा. मेल में आये वेरिफिकेशन कोड की सहायता से चरण 7 की प्रक्रिया को पूरा करें. 9. अब अपने जीमेल में जाकर मेल कंपोज़ करने की कोशिश करें. यहाँ अब from के सामने एक एरो दिखेगा, जिस पर क्लिक करके फ्रॉम एड्रेस के लिए आप अपने कस्टम डोमेन ईमेल को चुन सकते हैं. 10. अब आपके कस्टम डोमेन पर भेजे गए ईमेल आपके जीमेल पर प्राप्त होंगे और उसी जीमेल से आप अपने कस्टम डोमेन के नाम से मेल भेज सकते हैं. तो दोस्तों, कैसा लगा यह जुगाड़? अपनी राय कमेंट बॉक्स में ज़रूर दें. अगर इस प्रक्रिया में कहीं कोई समस्या आती है, तो भी कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएँ.
कई बार गलती से हम कोई जरूरी फाइल – इमेज या डॉक्यूमेंट अपने कंप्यूटर या मोबाइल से डिलीट कर बैठते हैं. वो जरूरी फाइल्स फिर से रिकवर करना एक बड़ी समस्या है. कल्पना कीजिए, आपने अपने कंप्यूटर से कोई फाइल डिलीट कर दी. रिसायकल बिन से भी वो फाइल हटा दी. अब वापस उस फाइल को प्राप्त करना टेढ़ी टेढ़ी खीर है. मोबाइल पर तो यह समस्या और बड़ी हो जाती है. रिसायकल बिन का भी आसरा नहीं होता. फाइल एक बार डिलीट हुई तो गयी. चलिए आज देखते हैं, कंप्यूटर या मोबाइल से डिलीट हो गई फाइल्स को रिकवर कैसे करें. पहले ये समझते हैं कि डिलीट होने के बाद ये फाइलें जाती कहाँ हैं?
कहाँ जाती हैं डिलीटेड फाइल्स
जब कोई फाइल आपके कंप्यूटर या मोबाइल से डिलीट होती है, तो वास्तव में वह नष्ट नहीं होती. बल्कि वह उसी जगह पर मौजूद रहती है, जहाँ पहले थी. सिर्फ़ दो बदलाव होते हैं, पहला, आपका ऑपरेटिंग सिस्टम उसे अपनी सूची (इंडेक्स) से हटा देता है, जिससे फाइल दिखनी बंद हो जाती है. दूसरा बदलाव यह होता है कि आपका ऑपरेटिंग सिस्टम डिस्क में उस फाइल वाली जगह को खाली या Unused के रूप में मार्क कर देता है. अर्थात्, उस स्थान पर नई फाइल्स क्रियेट की जा सकती हैं. कहने का मतलब यह है कि, आपकी डिलीट हुई फाइल्स तुरंत भले न नष्ट हों, उनके स्थान पर नई फाइल्स के आ जाने के बाद नष्ट हो जाती हैं.
जरूरी फाइल के डिलीट होने पर क्या करें?
कोशिश करें कि आपके मोबाइल या कंप्यूटर में कोई नई फाइल न जुड़े.
मोबाइल का नेट डिसकनेक्ट कर दें
ऑटो अपडेट /ऑटो डाउनलोड डिसेबल कर दें
कंप्यूटर या मोबाइल को शट डाउन न करें, इसे पूर्ववत चलते रहने दें,लेकिन इस पर किसी भी कार्य को करने से परहेज करें.
कंप्यूटर से डिलीटेड फाइल्स की रिकवरी
किसी दूसरे कंप्यूटर में नीचे बताए गए सॉफ्टवेयर में से कोई एक डाउनलोड करें.
साफ्टवेयर को किसी फ्लैश ड्राइव में सेव करें और उसे उस कंप्यूटर में इंसर्ट करें, जिससे फाइल की रिकवरी करनी है.
सॉफ्टवेयर रन करें और उसके इंटरफेस में दिये गये निर्देशों को फॉलो करें.
अगर सॉफ्टवेयर आपकी फाइल को रिकवर करने में विफल रहे, तो निराश न हों. क्रमशः दूसरे और तीसरे सॉफ्टवेयर का प्रयोग करें.
फाइल रिकवर होने के बाद उसे अपनी इच्छित जगह पर सेव कर लें.
एंड्रॉयड फोन से डिलीटेड फाइल्स कैसे रिकवर करें
जैसा कि मैंने पहले कहा, अपने मोबाइल में कोई भी ऐसा कार्य न करें, जिससे कोई फाइल क्रिएट हो, मसलन नेट सर्फिंग, फोटो खींचना, गाने सुनना आदि. बेहतर हो कि इन्टरनेट डिसएबल कर दें.
अब अपने कंप्यूटर में FonePaw Android Data Recovery सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें . ध्यान रहे , मोबाइल में किसी डाटा रिकवरी एप को इनस्टॉल करना सुरक्षित विकल्प नहीं है , क्योंकि यह आपके डिलीटेड फाइल के स्पेस पर इनस्टॉल हो सकता है. इसलिए कंप्यूटर का उपयोग बेहतर और सुरक्षित है.
सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में इनस्टॉल कर रन करें .
अब अपने एंड्राइड डिवाइस को यूएसबी डाटा केबल के द्वारा कंप्यूटर से कनेक्ट करें.
एंड्राइड डिवाइस में यूएसबी डिबगिंग इनेबल करें, ताकि आपका कंप्यूटर डिवाइस के सिस्टम से जुड़ सके. इसके लिए
एंड्राइड 2.3 या पहले के डिवाइस में “Settings” में जाएँ > “Applications” में जाएँ> “Development” पर क्लिक करें > “USB debugging” ऑन करें
एंड्राइड 3 से 4.1 वाले डिवाइस में : “Settings” में जाएँ > “Developer options” पर क्लिक करें > “USB debugging”. ऑन करें
एंड्राइड 4.2 या उससे नए डिवाइस में : “Settings” पर जाएँ > “About phone” पर क्लिक करें . “Build number” को 7 बार टैप करें . एक डायलाग बॉक्स खुलेगा , जिसमें “You are under developer mode” लिखा होगा . अब “Settings” में जाएँ > “Developer options” को क्लिक करें > “USB Debugging” ऑन करें .
डिबगिंग ऑन होने के बाद एंड्राइड डिवाइस सिस्टम से कनेक्ट हो जाएगा.
अब सॉफ्टवेयर के इंटरफ़ेस में फाइल टाइप सेलेक्ट करें, जिन्हें रिकवर करना है.
सॉफ्टवेयर को आपके डिवाइस को स्कैन करने के लिए रूट एक्सेस की अनुमति दें.
ढूंढी गई फाइल्स में उन फाइल्स को चुनें , जिन्हें रिकवर करना है.
कई बार हमें एक से ज्यादा ट्विटर अकाउंट की जरूरत महसूस होती है. ट्विटर फेसबुक की तरह पेज बनाने की सुविधा नहीं देता. इसलिए जब आप अपने ब्लॉग/वेबसाइट या कंपनी को ट्विटर पर लाना चाहते हैं, तो आपके सामने दो ही विकल्प होते हैं. या तो अपना पर्सनल ट्विटर अकाउंट इस्तेमाल करें या ब्लॉग/वेबसाइट के लिए नया डेडिकेटेड ट्विटर अकाउंट बनाएँ. इसके अतिरिक्त कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, ट्विटर पर दूसरा अकाउंट बनाने के. लेकिन, ट्विटर उसी ईमेल आईडी से नया अकाउंट बनाने की सुविधा नहीं देता. फिर? क्या करेंगे आप? दूसरी ईमेल आईडी बनाएँगे?
मेरी मानें तो नहीं. इसकी कोई जरूरत नहीं है. अगर आपके पास जीमेल का अकाउंट है, तो आप अपनी एक ही ईमेल आईडी से चाहे जितने ट्विटर अकाउंट बना सकते हैं. यानी, ट्विटर की आँखों में धूल झोंक सकते हैं. लेकिन कैसे? आइये देखते हैं.
वास्तव में इस ट्रिक के पीछे जीमेल की एक विशेषता काम करती है. जीमेल आपके यूजरनेम में + (प्लस का चिह्न) तथा उसके बाद का कोई भी करैक्टर रीड नहीं करता. अर्थात् जीमेल के लिए rajiv@gmail.com तथा rajiv+abc@gmail.com एक ही ईमेल आईडी है. जबकि ट्विटर के लिए ये दोनों ईमेल आईडी अलग-अलग हैं. मेरे ख्याल से अब आप समझ गए होंगे कि आपको करना क्या है. नहीं समझे? कोई बात नहीं, मैं अब सीधे ये बताता हूँ कि आप अपने ट्विटर पर पहले से रजिस्टर्ड जीमेल अकाउंट से ही नया ट्विटर अकाउंट कैसे बना सकते हैं.
साइटमैप किसी भी ब्लॉग के SEO में बड़ी भूमिका निभाता है. यह सर्च इंजन्स को आपके ब्लॉग के सभी पृष्ठों की न सिर्फ सूचना देता है, बल्कि उनमें हुए किसी परिवर्तन या बढोत्तरी की सूचना भी सर्च इंजन्स तक पहुँचाता है. आपके लिए भी यह ज़रूरी है कि अपने ब्लॉग का xml साइटमैप गूगल तथा अन्य सर्च इंजनों पर सबमिट करें. इस पोस्ट में आइये देखते हैं कि कैसे आप अपने ब्लॉगस्पॉट (ब्लॉगर) ब्लॉग के साइटमैप को डायरेक्ट गूगल सर्च इंजन पर सबमिट कर सकते हैं. (पढ़ें : ब्लॉगर पर मुफ्त ब्लॉग कैसे बनाएँ )
सबसे पहले अपने जीमेल अकाउंट से गूगल सर्च कंसोल (पूर्ववर्ती वेबमास्टर) पर लॉग इन कीजिये . सर्च कंसोल पर लॉग इन के लिए उसी जीमेल अकाउंट का प्रयोग करें, जिसे आपने अपना ब्लॉग बनाने के लिए इस्तेमाल किया था. इससे आपका ब्लॉग स्वत: सर्च कंसोल में वेरीफाई हो जाएगा.
सर्च कंसोल में लॉग इन करते ही आपको अपने ब्लॉग का एड्रेस सामने दिखेगा. अगर यह न दिखे तो स्क्रीन पर दिख रहे बॉक्स में अपने ब्लॉग का एड्रेस डाल कर ADD A PROPERTY पर क्लिक करें.
अपने ब्लॉग के एड्रेस पर क्लिक कीजिये.
अब लेफ्ट पैनल में Crawl–> Sitemaps पर क्लिक करें .
अब स्क्रीन के दाहिनी ओर ऊपर कोने में दिख रहे ADD/TEST SITEMAP पर क्लिक करें.
अब सामने खुले बॉक्स में atom.xml?redirect=false&start-index=1&max-results=500 पेस्ट कर दें .
आपके ब्लॉग का साइटमैप गूगल सर्च इंजन पर सबमिट हो गया है.
यह साइटमैप 500 पृष्ठों के लिए है. अगर आपके ब्लॉग में 500 से ज्यादा लिंक हो तो इसके लिए दूसरा साइटमैप जोड़ें . इसके लिए बॉक्स में atom.xml?redirect=false&start-index=501&max-results=1000 पेस्ट करें.
यह प्रक्रिया आप अपने पृष्ठों की संख्या के अनुसार चाहे जितनी बार दुहरा सकते हैं.
SEO की दृष्टि से वर्डप्रेस निश्चित तौर पर ब्लॉगर से बढ़िया विकल्प है. (वर्डप्रेस और ब्लॉगर की तुलना के लिए यहाँ देखें.) लेकिन, बिना किसी आर्थिक निवेश के सफलतापूर्वक ब्लॉगिंग को संभव बनाने के कारण ब्लॉगर ब्लॉग लेखकों में काफी लोकप्रिय है. ब्लॉगर का इस्तेमाल करने वाले ब्लॉग लेखकों के साथ सबसे बड़ी समस्या है, अपने ब्लॉग की पहुँच बढ़ाना. शुरूआती वृद्धि के बाद एक समय ऐसा आता है कि आपके ब्लॉग की रीच (पहुँच) स्थिर हो जाती है. आप नियमित तौर पर अपना ब्लॉग अपडेट करते हैं, लेकिन पाठकों की संख्या वही रहती है, जो एक महीने पहले थी. क्या करें? यह प्रश्न आमतौर पर हर शौकिया ब्लॉगर के सामने आता है. यहीं पर सामने आती है SEO, यानी सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की. SEO आपके ब्लॉग की पहुँच को अविश्वसनीय ढंग से बढ़ा सकता है. कुछ उपायों के द्वारा आप भी अपने ब्लॉग को सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं और इस प्रकार उसे नए पाठकों तक पहुंचा सकते हैं. आइये देखते हैं, कैसे ?
पेज लोड टाइम ऑप्टिमाइजेशन :
किसी भी ब्लॉग को सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ करने के लिए सबसे ज़रूरी है, उसके पेज लोडिंग समय को कम से कम करना. सर्च इंजन उन ब्लॉग्स की रैंकिंग कम कर देते हैं, जिन्हें लोड होने में ज्यादा समय लगता है. इसलिए SEO के लिए कोई भी अन्य उपाय करने से पहले अपने ब्लॉग के पेज लोडिंग समय को कम से कम से कम करें. इसके बारे में विस्तार से जानकारी के लिए यहाँ देखें.
कीवर्ड्स का इस्तेमाल करें
सबसे पहला सवाल – कीवर्ड्स क्या हैं? जवाब है कीवर्ड्स वो शब्द हैं जो आपके पोस्ट के विषय को परिभाषित करते हैं. सीधे और सरल शब्दों में कहें तो कीवर्ड्स वो शब्द या पद हैं जिन्हें प्रयोक्ता अपनी सर्च के लिए सर्च इंजन में इंटर करता है. आपकी पोस्ट में सही जगहों पर सही कीवर्ड्स का प्रयोग इन्टरनेट पर आपके ढूंढें जाने की संभावनाएँ बढ़ा देता है.SEO की दृष्टि से कीवर्ड्स की भूमिका पहले से घटी है, लेकिन अब भी ये काफी महत्वपूर्ण हैं. अपने पोस्ट में कीवर्ड्स का इस्तेमाल सोच समझकर और सुनियोजित ढंग से करें.
सही कीवर्ड्स की पहचान
अपने ब्लॉग और अपनी पोस्ट्स के लिए सही कीवर्ड्स की पहचान करें. अर्थात् अपने विषय से संबंधित लोकप्रिय शब्दों को ढूंढें. इसके लिए आप Google Adwords Keyword Tool और semrush.com जैसे ऑनलाइन टूल्स की मदद ले सकते हैं. इसके अतिरिक्त अपने विषय से संबंधित अन्य ब्लॉग्स को चेक करें कि वो किन शब्दों पर फोकस कर रहे हैं. इससे आपको अपने ब्लॉग के लिए कीवर्ड्स की सूची बनाने में मदद मिलेगी.
कीवर्ड्स का इस्तेमाल कहाँ करें ?
कीवर्ड्स का इस्तेमाल आप कई स्थानों पर कर सकते हैं. कोशिश करें कि निम्न स्थानों पर कीवर्ड्स ज़रूर हों…
पोस्ट के टाइटल में
पोस्ट की हेडिंग्स , सबहेडिंग्स में
पोस्ट के पहले वाक्य (Introductory Sentence) में
इमेज के टाइटल टेक्स्ट, कैप्शन और अल्टरनेटिव टेक्स्ट (alt text) में
पोस्ट के मेटा डिस्क्रिप्शन में
पोस्ट के स्लग (यूआरएल) में
कीवर्ड्स का इस्तेमाल कितना करें ?
किसी पोस्ट में कितने प्रतिशत शब्द कीवर्ड्स के रूप में डाले जा सकते हैं? ध्यान रहे, अगर आपने अपने पोस्ट में ज़रुरत से ज्यादा कीवर्ड्स ठूंस रखे हैं तो गूगल इसे दंडित कर सकता है और आपके ब्लॉग की रैंकिंग नीचे जा सकती है. इसलिए पोस्ट में कीवर्ड्स का इस्तेमाल जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है, यह ध्यान रखना कि कीवर्ड्स बहुत ज्यादा न हो जाएँ. आदर्श कीवर्ड्स डेंसिटी क्या हो? किसी 100 शब्दों के पोस्ट में कीवर्ड्स की संख्या को कीवर्ड्स डेंसिटी कहते हैं. गूगल की मानें, तो आदर्श कीवर्ड डेंसिटी का कोई फार्मूला नहीं है. गूगल आपको सामान्य ढंग से पोस्ट लिखने की सलाह देता है . अर्थात् , ऐसा न लगे कि आप पोस्ट लिखने की बजाय कीवर्ड्स की लिस्ट तैयार कर रहे हैं. इसे गहराई से समझने के लिए गूगल की वेबस्पैम विभाग के मुखिया रहे मैट कट्स का यह वीडियो देखें.
सामान्य समझ के अनुसार, कीवर्ड डेंसिटी 1% से 3% प्रतिशत के बीच रहनी चाहिए. अर्थात् 1000 शब्दों के पोस्ट में कीवर्ड्स 10 से 30 के बीच होने चाहिए. मैं अमूमन 2.5% के आसपास कीवर्ड्स प्रयोग करता हूँ.
इंटरनल लिंकिंग
इंटरनल लिंक आपके ब्लॉग के ही दूसरे पोस्ट्स के लिंक होते हैं. SEO के लिहाज़ से ये लिंक कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं, जिनमें मुख्य हैं….
ये विजिटर को आपके ब्लॉग पर सूचनाओं को ढूँढने में मदद करते हैं.
इन लिंक्स के सहारे विजिटर आपके पूरे ब्लॉग को नेविगेट कर सकता है.
ये आपके ब्लॉग पर उपलब्ध सूचनाओं का एक नेटवर्क तैयार करते हैं.
ये सर्च इंजन्स को आपके ब्लॉग के ज्यादा से ज्यादा लिंक (मतलब अच्छी रैंकिंग) उपलब्ध कराते हैं.
पोस्ट में जहाँ कहीं भी ऐसी चर्चा आये, जिसके बारे में आपने किसी और पोस्ट में बात की हो, उसे उस पोस्ट से लिंक कीजिये.
मेटा डिस्क्रिप्शन
मेटा डिस्क्रिप्शन वो जानकारी होती है, जो सर्च इंजन्स आपके ब्लॉग और पोस्ट्स की इंडेक्सिंग में इस्तेमाल करते हैं. आप किसी ब्लॉग या वेबसाइट की लिंक फेसबुक या वाट्सएप पर शेयर कीजिये. प्रीव्यू में साइट के नाम के नीचे जो कुछ शब्दों का परिचय दिखता है, वो मेटा डिस्क्रिप्शन है. ये सर्च इंजन का प्रयोग करने वालों को आपकी साइट का परिचय देते हैं. आपको न सिर्फ अपने ब्लॉग के लिए, बल्कि हर पोस्ट के लिए बढ़िया मेटा डिस्क्रिप्शन इस्तेमाल करना चाहिए.
ब्लॉगर में मेटा डिस्क्रिप्शन का इस्तेमाल कैसे करें?
अपने ब्लॉगर के लेफ्ट पैनल में settings और उसमें search preferences को क्लिक कीजिये .
सबसे पहले विकल्प मेटा टैग्स का होगा. यहाँ आप अपने ब्लॉग के लिए मेटा डिस्क्रिप्शन सेट कर सकते हैं.
अब आपके पोस्ट की सेटिंग्स में भी search description का एक नया विकल्प दिखाई देगा. यहाँ आप अपने पोस्ट के लिए मेटा डिस्क्रिप्शन सेट कर सकते हैं.
कस्टम यूआरएल का प्रयोग
ब्लॉगर आपके पोस्ट के लिए ऑटोमेटिक यूआरएल (slug) सेट करता है. लेकिन ब्लॉगर के डिफ़ॉल्ट यूआरएल सर्च इंजन फ्रेंडली नहीं होते. आप अपने कीवर्ड्स के साथ अपने पोस्ट के लिए कस्टम यूआरएल बना सकते हैं. इसके लिए पोस्ट लिखते समय दाहिने पैनल की पोस्ट सेटिंग्स में links पर क्लिक कीजिये. यहाँ आपको Permalink शीर्षक के अंदर दो विकल्प दिखेंगे- Automatic Permalink और Custom Permalink. Custom Permalink के सामने के चेकबॉक्स को क्लिक करें. अब जो बॉक्स खुले उसमें अपना मनपसंद लिंक सेट करें. यूआरएल सेट करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें—
ज्यादा लंबे यूआरएल न रखें. इनकी आदर्श लम्बाई 50 करैक्टर के आस पास होनी चाहिए.
कोशिश करें कि यूआरएल आपके पोस्ट टाइटल से बहुत ज्यादा अलग न हो.
यूआरएल में कीवर्ड का इस्तेमाल करें
स्टॉप वर्ड्स ( a,an,the,of,for,by,in आदि ) का प्रयोग कम से कम करें.
इमेज ऑल्ट टैग्स और कैप्शन्स
इमेज ऑल्ट टैग और इमेज कैप्शन में कीवर्ड्स के इस्तेमाल की चर्चा हम कर चुके हैं. ब्लॉगर में ऑल्ट टैग और कैप्शन ऐड/एडिट करना काफी आसान है. पोस्ट में इस्तेमाल की गयी किसी भी इमेज को क्लिक करें. कई विकल्प दिखेंगे, जिनमें एक कैप्शन का होगा. कैप्शन सेट करने के बाद इन्हीं विकल्पों में से प्रॉपर्टीज पर क्लिक करें. यहाँ आप Title Text और alt text सेट कर सकते हैं.
मेल सब्सक्रिप्शन /फीड/ ब्राउज़र नोटिफिकेशन
अपने ब्लॉग को पाठकों द्वारा सब्सक्राइब करने के लिए आसान विकल्प दें, ताकि हर नए पोस्ट की सूचना उन तक पहुँच सके. इसके लिए तीन प्रमुख तरीके इस्तेमाल किये जा सकते हैं-
मेल सब्सक्रिप्शन
ब्लॉग पर ईमेल सब्सक्रिप्शन के लिए गैजेट लगाएं. ईमेल के साथ पूरी पोस्ट की बजाय उसका एक हिस्सा पोस्ट की लिंक के साथ दें.
फीड
अपने ब्लॉग के rss तथा atom फीड के लिए लिंक्स तैयार करें और उन्हें सही जगह दर्शायें. फीड को इनेबल करने के लिए ब्लॉग के लेफ्ट पैनल में Settings–>Other–>Site Feed पर जाएँ. Allow Blog Feed को Short पर सेट करें. अब फीड के लिंक्स तैयार करें, जो कुछ इस प्रकार के होंगे —-
Yourblogurl को अपने ब्लॉग के एड्रेस से रिप्लेस कर दें. अब इन लिंक्स को अपने ब्लॉग के फूटर सेक्शन में या साइडबार में कहीं दिखाएँ.
ब्राउज़र नोटिफिकेशन
आप अपने ब्लॉग पर ब्राउज़र के लिए पुश नोटिफिकेशन भी सेट कर सकते हैं. इससे पुश नोटिफिकेशन की अनुमति देने वाले विजिटर्स को हर नए पोस्ट की सूचना तुरंत मिलेगी.
पोस्ट टाइटल को ब्लॉग टाइटल से पहले रखें
ब्लॉगर डिफ़ॉल्ट रूप से ब्लॉग टाइटल को पोस्ट टाइटल से पहले दिखाता है. यह SEO के लिहाज़ से लाभप्रद स्थिति नहीं है क्योंकि आपके पोस्ट का टाइटल सर्च रिजल्ट्स में नहीं दिखेगा. आप अपने ब्लॉग के html में थोड़ा सा बदलाव कर अपने पोस्ट टाइटल को ब्लॉग टाइटल से पहले दिखा सकते हैं. इसके लिए
अपने ब्लॉग के लेफ्ट पैनल में Theme पर क्लिक करें.
अब theme के Edit HTML पर क्लिक करें.
Theme के कोड में ctrl F की सहायता से निम्नलिखित कोड को ढूंढें…
अपने ब्लॉग पोस्ट के लिंक को सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, गूगल प्लस आदि ) पर शेयर करें. पोस्ट को सोशल प्लेटफॉर्म्स पर ऑटोमेटिक शेयर करने के लिए आप https://hootsuite.com या https://dlvrit.com के फ्री प्लान का सहारा ले सकते हैं.
बाहरी लिंक्स के साथ nofollow एट्रिब्यूट जोड़ें
अपनी पोस्ट्स में हम कई बार सन्दर्भ के लिए किसी अन्य वेबसाइट का लिंक देते हैं. nofollow का एट्रिब्यूट जोड़कर हम सर्च इंजन्स के रोबोट्स को निर्देश देते हैं कि वो उन लिंक्स को फॉलो न करें.
इसके लिए लिंक एडिट करते समय बॉक्स में नीचे दिए गए Add ‘rel=nofollow’ attribute को क्लिक करें.
साइटमैप का इस्तेमाल करें
साइटमैप आपके ब्लॉग के सारे यूआरएल की लिस्ट होती है. यह xml और html फाइल्स के रूप में होती है. Xml साइटमैप सर्च इंजन्स को आपके सारे यूआरएल की सूचना देता है, ताकि उनके रोबोट्स इन लिंक्स को क्रॉल करके इनकी इंडेक्सिंग कर सकें. दूसरी और, html साइटमैप नेविगेशन में ब्लॉग विजिटर की सहायता के लिए होता है.
इन उपायों को अपना कर आप अपने ब्लॉग को सर्च इंजन्स के लिए ऑप्टीमाइज़्ड कर सकते हैं. अब आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, अच्छी गुणवत्ता के नियमित कंटेंट. सिर्फ पोस्ट करने के लिए कोई पोस्ट न करें. अपने पोस्ट की गुणवत्ता पर हमेशा ध्यान दें. साथ ही, नियमित अंतराल पर पोस्ट करें. अगर इस सम्बन्ध में कोई और समस्या या प्रश्न हो तो कमेन्ट बॉक्स में पूछें.